राजर्षि प्रकाशन
₹149
मरने से पहले (प्रेरणात्मक)
‘मरने से पहले’ पुस्तक के विषय का सम्बन्ध हमारे उस समय से है जब मनुष्य मौत के सम्मुख होता है या उसे इस बात का आभास हो गया होता है कि अब वह मरने ही वाला है। उसकी मौत अब उससे कुछ ही अंतराल पर है। यह कभी भी आ सकती है। आज ! एक सप्ताह के पश्चात ! एक माह के पश्चात या फिर एक वर्ष के पश्चात ! कभी भी
उसे उसके क्षणभंगुर जीवन से छीन कर उसे जीवन मरण की सीमा के पार उस अनंत की ओर ले जा सकती है, जिसके विषय में अनंत काल से कल्पना, मनन तथा वैज्ञानिक अनुसंधान ही किये जा रहे है, किन्तु निश्चित रूप से अभी तक इस विषय में कुछ भी नहीं कहा जा सका है। यह पुस्तक ज्ञानरंजन के साथ साथ ही पाठकों के लिए प्रेरणात्मक भी है।
ऐसे समय में मनुष्य के जीवन में आमतौर पर एक पछतावा सा रह जाता है कि वो अपने जीवन में ऐसा नहीं कर सका। क्या यह के पल मनुष्य के जीवन से मिट सकते हैं या कम हो सकते हैं ? यदि हाँ तो कैसे ? इसी बात को ध्यान में रख कर इस पुस्तक को लिखा गया है।
राज ऋषि शर्मा हिंदी, डोगरी और अंग्रेजी भाषाओं के बहुमुखी प्रतिभाशाली लेखक, पत्रकार और चित्रकार हैं। उन्होंने अब तक विभिन्न विधाओं में 29 पुस्तकें लिखी हैं, जिन्हें पाठकों ने खूब सराहा है। वे मुख्य रूप से हिंदी में लिखते हैं। उनकी कई रचनाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और संग्रहों में प्रकाशित हुई हैं और आकाशवाणी पर भी प्रसारित की गई हैं।
1975 में उन्होंने ‘महक’ और 2022 में ‘महकती वाटिका’ नामक पत्रिकाओं का संपादन और प्रकाशन किया। 1977 में उन्होंने ‘राजर्षि कल्चर क्लब’ का भी संचालन किया। वर्तमान में, वे ‘महकती वाटिका’ नामक काव्य संग्रहों की श्रृंखला का संपादन और प्रकाशन कर रहे हैं।
राज ऋषि शर्मा को ‘साहित्यालंकार’ और ‘साहित्य श्री’ जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।
| Weight | 150 g |
|---|---|
| Dimensions | 20 × 15 × 1 cm |
| फॉर्मैट | पेपरबैक |
| भाषा | हिंदी |
| Number of Pages | 110 |

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