उसका प्यार उसके सामने था। ना परिवार, ना समाज, कोई भी उनके विरोध में नहीं था, लेकिन फिर भी उसका प्रेम पूर्णता को प्राप्त नहीं हो सकता था; क्योंकि जिस क्षण वो अपने प्रेम को पाने का प्रयत्न करती, उसी क्षण उसकी मृत्यु निश्चित थी। उसकी भी और जिससे उसे प्यार था उसकी भी। यही तो होता आ रहा था उसके साथ कई जन्मों से। और इस रहस्य की कुंजी कहीं दूर अतीत में छुपी हुई थी।
अब यदि उसे अपने प्रेम को पाना था, तो उसे अतीत में जाकर इस रहस्य को सुलझाना ही था।
आधुनिक काल से साढ़े आठ सौ वर्ष पहले तक फैली एक भावनात्मक रोमांच गाथा।
आलोक सिंह खालौरी मूलतः बुलंदशहर के ग्राम खालौर के निवासी हैं। वह पेशे से वकील हैं।मेरठ में ही उन्होंने वकालत की पढ़ाई पूरी कर प्रेक्टिस शरू कर दी थी।उनका पहला उपन्यास राजमुनि था जो कि परलौकिक रोमांचकथा थी।
Harsh Gautam (verified owner) –
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