बिमल मित्र
लोकभारती प्रकाशन
Original price was: ₹199.₹190Current price is: ₹190. (-5%)
Estimated Dispatch: Oct 28, 2025 – Oct 30, 2025
किताब के बारे में
कन्यापक्ष | Kanyapaksh
अतीत-काल में नारी-चरित्र का एक ही रूप था, जिससे सभी परिचित थे! वह रूप था, उर्वशी का उर्वशी एक सनातन चरित्र बनकर अमर हुई। जो किसी की माँ नहीं, बेटी नहीं, वधू नहीं—है सिर्फ़ उर्वशी। लेकिन कालान्तर में उर्वशी ने बहुत-बहुत रंग बदले, बहुत-बहुत रूप धरे। उर्वशी का एक-एक अंश कोटि-कोटि नारियों में फैलकर उन्हें विचित्र चरित्र का नमूना बना गया।
‘कन्यापक्ष’ के ये ही विभिन्न पहलू हैं। सुधा सेन, अलका पाल, मीठी दीदी, मिछरी भाभी, मिली मल्लिक और सोना दीदी। सभी मामूली लड़कियाँ पर एक-दूसरे से कितनी भिन्न, कितने विचित्र चरित्र। और उर्वशी के इन विभिन्न अंश-रूपों को ढूँढ़ निकालना और उन्हें सजीव चरित्र का रूप देकर कथा में गढ़कर ‘कन्यापक्ष’ प्रस्तुत करना ही तो बिमल मित्र की लेखनी का चमत्कार है।

Reviews
There are no reviews yet