

किताब के बारे में
Aasha | आशा
वो एक मामूली कामकाजी लड़की थी
हालात के हवाले जो एकाएक इतनी महत्वपूर्ण हो उठी थी
कि हर कोई अपने किसी मिशन के तहत
उसकी मदद का तालिब बन गया।
हालात खुद ही ऐसे बनते चले गए कि उसकी
कामयाबी का ग्राफ आसमान बस छूने ही वाला था।
लेकिन जो हर किसी को लगा, वो उसे न लगा।
उसका मुकाम वही रहा जो हमेशा था।
आशा (Aasha)
टॉप मिस्ट्री राइटर
सुरेन्द्र मोहन पाठक
का दुर्लभ सामाजिक उपन्यास
साहित्य विमर्श प्रकाशन
की गौरवशाली प्रस्तुति