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पाठकों की राय

1 review for Adi Shankaracharya

  1. Avatar of Amisha

    Amisha

    किताब:- उफ्फ कोलकाता
    लेखक :- सत्य व्यास
    प्रकाशक:- हिंदी युग्म ( @hindi.yugm)
    सत्य व्यास हिंदी के जाने माने लेखक है।
    उनकी किताबें अलग अलग शहर की कहानियों को बतलाती है, उनके लिखने का अंदाज, नई पीढ़ी की बातें और उनकी हरकतें जिस तरह वो बयां करते है वो किताब पढ़ने वालो को अपनी ओर खींचने के लिए बहुत है। मैने उनकी सारी किताबें तो नही पढ़ी है,एक दो ही पढ़ी है मगर उम्मीद है की जल्द ही सारी पढ़ू।
    आज जिस किताब की में बात कर रही हूं, वो एक हॉरर कॉमेडी (उफ्फ कोलकाता) है।
    कहानी की शुरुआत तोता और मैना की बातों से होती है जिसमे मैना किसी बात से परेशान डाल pe बैठी रहती है और तोता उससे बात करने की कोशिश में मैना को अपनी तोती के धोखे के बारे में बतलाता है, कैसे उसकी तोती ने उसे भींगे होंठ गाने वाले के लिए छोड़ दिया, और फिर बात हॉस्टल पे पहुंच जाती है।
    जैसा मैंने कहा था की ये पढ़ने वालो की अपनी किताबों की ओर खींच ही लेते है, इनकी बाते हंसी मजाक कुछ मुहावरों चुटकुलों डबल मीनिंग बातों से शुरू होकर एक गंभीर कहानी का रूप लेलेती, और,यही इनकी लिखने की खूबी को दर्शाती है।
    सिद्धार्थ जो एक लॉ स्टूडेंट है उसकी मुलाकात एक दफा एक लड़की से करीब रात के 3 से 4 के बीच ट्रेन में होती है और वो उसके प्यार में पड़ जाता है।
    मसला ये है की या तो वो लड़की उसे आधी रात किसी शमशान पे मिलती या फिर अघोरियों के निवास जगह पे।
    जिसके वजह से उसके दोस्त उस लड़की की भूतनी बोलते थे एक दफा उस लड़की की तलाश में सिद्धार्थ अपने दोस्तो के साथ उसी स्टेशन के पास गया जहा उसे उस लड़की को पहली बार देखा था सारे दोस्त पेड़ के नीचे मुर्गा और शराब लिए बैठे थे और हसीं मजाक में व्यस्त से की तभी कहीं से एक कुत्ता आकर उनको गाड़ी के पास भोकना शुरू करदेता है
    डर तो लगता है पर उम्र जैसी थी ध्यान ज्यादा दिया नहीं फिर तभी उनके शोर की आवाज में ssssh करके एक आवाज आई जैसे किसी ने चुप रहने को कहा हो, जिनसे उन्हें लगा अब रात होगी है बहुत तो चलना चाहिए तभी उनके एक दोस्त ने बाथरूम जाने की जिद की ओर वो पटरी के पास जा खड़ा होगा जैसे ही उसके मुंह से सिटी की आवाज निकली उसे लगा कोई उसके पीछे है और उसके गले के पास जोरजोर से सांस लेरा फिर उसने महसूस किया की उसके पैरों पे कुछ रेंग रहा है जब उसकी नजर पड़ी वो वहा से भागा उसे ऐसे भागते देख उसके दोस्त ने उससे बात पूछी और बात सुनते ही सिद्धार्थ उस तरफ निकल पड़ा उसने देखा एक लड़की की काया को पटरी पर चलते और उसकी हंसी को डरा देने वाली थी वो जैसे तैसे भागा और चलती गाड़ी pe सवार होगया और गाड़ी लेकर हॉस्टल पहुंच गया उनके साथ हॉस्टल वो काया भी आचूकी थी जिनसे वो अनजान थे।
    जहां कहानी में बहुत सारे हसने और डरने का माहौल बना है वहीं अंतिम के कुछ पन्ने नैना जोगिन की कहानी बयां करते है, ओर सिद्धार्थ की भूतनी प्रेमिका की असलियत को बयां करते है।
    अब बात आती है क्या वो लड़की और नैना जोगिन एक ही है , क्या सच में सिद्धार्थ को एक भूतनी से प्यार हुआ था , क्या थी नैना जोगिन की कहानी ये सब जानने के लिए इस किताब को जरूर पढ़े , डर और हसीं दोनो का अनुभव ले , अगर आप इस किताब से हॉरर एक्सपेक्ट करते है तो ये निराश करेगी आपको क्योंकि जहां कही भी हॉरर है वहा हसीं मजाक ने जगह ले ली है।
    कुल मिलाकर किताब पैसा वसूल है रोज मर्रा की गलियां जो दोस्तो के बीच चलती है वैसी बातें जो दोस्तो से कही जाती है ये सब आपको खुदमे डुबोती चली जाएंगी, और सत्य व्यास सर की लेखनी में दुनिया से दूर ले जाएंगी।

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