बाल साहित्य में जाने-पहचाने कहानीकार मनोहर चमोली ‘मनु’ पेशे से अध्यापक हैं। उन्होंने पत्रकारिता और विधि की पढ़ाई की है। फिलहाल, उत्तराखंड के पौड़ी गहवाल में रहते हैं। वह प्रखर आलोचना के लिंए मशहूर हैं। कई किताबें आ चुकी हैं। उनकी रचनाओं का बीस से अधिक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। ‘जीवन में बचपन’, ‘अंतिरक्ष से आगे बचपन’, ‘कहानियाँ बाल मन की’ नामक कहानियों के संग्रह चर्चित रहे हैं।