पाठकों की राय
2 reviews for Googly
Add a review Cancel reply
Googly गुगली – स्कूल के आखिरी और कॉलेज के शुरुआती वर्षों का यादगार और अलमस्त समय! जब स्कूल के अनुशासन से छूटे और जवानी की दहलीज़ पर खड़े छात्र अपनी आज़ादी और महत्वाकांक्षाओं की उड़ान को परखने लगते हैं। जीवन के कठोर यथार्थ से बेपरवाह ये समां होता है दोस्त बनाने का, सपने देखने का। भिलाई के एक स्कूल में पढ़ने वाले कुछ दोस्तों की ऐसी ही कहानी है गुगली। दोस्त जो एक दूसरे पर जान छिड़कते हैं और आजीवन दोस्ती की कसमें खाते हैं।
सब क्रिकेट के दीवाने हैं और इनका कैलेंडर एक टैस्ट मैच से दूसरे टैस्ट मैच तक चलता है। दोस्ती और क्रिकेट के बीच पहला-पहला प्यार भी अंकुरित होता है। दोस्तों की प्रगाढ़ मित्रता, क्रिकेट के लिए जुनून, जीवन और कैरियर की जद्दोजहद, सच्चे प्यार को शिद्दत से पाने की प्रबल इच्छा को लेखक ने बहुत खूबसूरती से उकेरा है।
साहित्य विमर्श प्रकाशन
Ambarish Tripathi –
पुस्तक बहुत ही सुंदर और प्रभावशाली बन पड़ी है। भोजपुरी की कहानी को भोजपुरी में ही पढ़ना बहुत ही रोमांचक अनुभव है। लेखक ने बहुत ही रोचक ढंग से जरूरी पहलुओं को सारगर्भित ढंग से रचा है।
Dhirendra Singh –
Good Work