दिग्गज लेखक, उपन्यास शिरोमणि सुरेन्द्र मोहन पाठक साहब का अनुपलब्ध बाल उपन्यास उपलब्ध कराने के लिए साहित्य विमर्श का धन्यवाद. लम्बे समय से पाठक इस उपन्यास का इन्तेजार कर रहे थे, कलेक्शन करने वालों के लिए तो ये किसी लाटरी से कम नहीं, धन्यवाद आपका….
Rated 5 out of 5
सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’ –
बच्चों की फ़िक्र करने की बात तो बहुत लोग करते हैं लेकिन वाकई साहित्य में इन दिनों बच्चों के लिए क्या हो रहा है? कुछ खास नहीं!
ऐसे में बाल कथाओं को फिर से छापना, देश तक पहुँचाना भी कोई छोटा काम नहीं!
Kubdi Budhiya Ki Haveli | कुबड़ी बुढ़िया की हवेली – एक पुरानी हवेली जिसका घंटा कभी-कभी अँधेरी रातों में अपने आप बजने लगता था। राजू, मुन्नी और भोला को लगता था कि कहानियों में पढ़ी गयी ज्यादातर पुरानी हवेलियों की तरह इस हवेली में भी कोई न कोई गुप्त रास्ता अवश्य है। गुप्त रास्ते की तलाश में तीनों बच्चे पहुँच गये एक रोमांचक और खतरनाक रहस्य की तह तक। क्या था कुबड़ी बुढ़िया की हवेली का रहस्य जिसके कारण तीनों बच्चों की जान पर बन आई।
अपराध कथा लेखन के बेताज बादशाह सुरेन्द्र मोहन पाठक की कलम से खास तौर पर बच्चों के लिए लिखा गया रोमांचक उपन्यास।
शेख राशीद –
दिग्गज लेखक, उपन्यास शिरोमणि सुरेन्द्र मोहन पाठक साहब का अनुपलब्ध बाल उपन्यास उपलब्ध कराने के लिए साहित्य विमर्श का धन्यवाद. लम्बे समय से पाठक इस उपन्यास का इन्तेजार कर रहे थे, कलेक्शन करने वालों के लिए तो ये किसी लाटरी से कम नहीं, धन्यवाद आपका….
सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’ –
बच्चों की फ़िक्र करने की बात तो बहुत लोग करते हैं लेकिन वाकई साहित्य में इन दिनों बच्चों के लिए क्या हो रहा है? कुछ खास नहीं!
ऐसे में बाल कथाओं को फिर से छापना, देश तक पहुँचाना भी कोई छोटा काम नहीं!