ऑनलाइन दुनिया ही अजीब है। अपने आस-पड़ोस, गाँव, देहात, रिश्तेदारी, दोस्ती यारी, चौक, मोहल्ले या फिर संसार के किसी भी कोने में किसी भी प्रकार के आदमी से अगर आपकी तू-तू मैं-मैं हुई हो, तो हो सकता है कि किसी खास मौके पर या वेमौके ही आपकी सुलह हो जाए, लेकिन ऑनलाइन दुनिया में सुलह एक असंभव सा वाक्य है। यहाँ की दोस्ती की कोई गारंटी नहीं लेकिन यहाँ की दुश्मनी एकदम मजबूत और गाढ़ी होती है, साल गुजर जाते लेकिन दुश्मनी जस के तस रहती है। समय-समय पर आप कोई पोस्ट करके, या किसी पोस्ट का स्क्रीनशॉट लगाकर और कुछ नहीं तो किसी और के पोस्ट पर अपने दुश्मन के ऊपर कोई विशेष टिप्पणी देकर इस दुश्मनी की आग में घी डालने का काम करते हैं।
Main se maan tak – माँ बनने के साथ शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर जो परिवर्तन होते हैं और अनुभूतियों में जो उतार-चढ़ाव आते हैं उनके बारे में बहुत अंतरंगता से Main se maan tak में बात की गयी है।
pkpandey723 –
बहुत उम्दा 👌
ऑनलाइन दुनिया ही अजीब है। अपने आस-पड़ोस, गाँव, देहात, रिश्तेदारी, दोस्ती यारी, चौक, मोहल्ले या फिर संसार के किसी भी कोने में किसी भी प्रकार के आदमी से अगर आपकी तू-तू मैं-मैं हुई हो, तो हो सकता है कि किसी खास मौके पर या वेमौके ही आपकी सुलह हो जाए, लेकिन ऑनलाइन दुनिया में सुलह एक असंभव सा वाक्य है। यहाँ की दोस्ती की कोई गारंटी नहीं लेकिन यहाँ की दुश्मनी एकदम मजबूत और गाढ़ी होती है, साल गुजर जाते लेकिन दुश्मनी जस के तस रहती है। समय-समय पर आप कोई पोस्ट करके, या किसी पोस्ट का स्क्रीनशॉट लगाकर और कुछ नहीं तो किसी और के पोस्ट पर अपने दुश्मन के ऊपर कोई विशेष टिप्पणी देकर इस दुश्मनी की आग में घी डालने का काम करते हैं।
#गर्दिश_में_हूँ….
Ayush Vedant