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चंद्र प्रकाश पांडेय ने हिंदी हॉरर साहित्य में अपना एक अलग मुकाम बना लिया है। हिंदी के हॉरर में प्रचलित थीम से हटकर वह नवीन विषयों को लेकर प्रयोग के लिए जाने जाते हैं। मौत के बाद, महल, आवाज उनकी कुछ प्रचलित रचनाएँ हैं।
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