पेंगुइन बुक्स
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क्या विज्ञान और धर्म एक-दूसरे के विरोधी हैं? या फिर दोनों इंसान की ज्ञान-यात्रा के दो अलग पड़ाव हैं?
मिथकों से विज्ञान तक एक ऐसी सोच-उड़ान है जो हमें प्राचीन कथाओं से लेकर आज के वैज्ञानिक सिद्धांतों तक ले जाती है — एक सफ़र, जहाँ हर “क्यों” और “कैसे” से नया दरवाज़ा खुलता है।
इस किताब में पाएँ:
यह किताब उनके लिए है:
“पुराने सत्यों को तोड़ना विज्ञान है। हमेशा के सत्य पर सवाल उठाना ही विकास है।”
मिथकों से विज्ञान तक सिर्फ़ एक किताब नहीं, सोचने, सवाल करने और बदलने का निमंत्रण है।
देश-दुनिया में चर्चित वैज्ञानिक व कवि गौहर रजा का जन्म इलाहाबाद में 1956 में हुआ। वे पाँच भाई-बहनों में चौथे नंबर पर थे। जब वे दो साल के थे, तब उनके माता-पिता विज़ारत हुसैन और कनीज हैदर अलीगढ़ आ गए। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के परिसर में ही उनका बचपन बीता। अलीगढ़ से बीएससी, इंजीनियरिंग की और आईआईटी दिल्ली से एमटेक की पढ़ाई की। तीन साल तक एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम किया और फिर सीएसआईआर में वैज्ञानिक के तौर पर पद संभाला, जहाँ से चीफ साइंटिस्ट के तौर पर रिटायर हुए। प्रतिरोध की कविताएँ लिखने वाले गौहर रजा के तीन कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं। उनकी कई कविताओं का जर्मन, स्पेनिश, फ्रेंच, अरबी, अफ्रीकी और अंग्रेज़ी के अलावा कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
Weight | 200 g |
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Dimensions | 22 × 17 × 2 cm |
फॉर्मैट | पेपरबैक |
भाषा | हिंदी |
Number of Pages | 208 |
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