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विद्या गुप्ता की इन कहानियों में एक नयापन, एक ताजगी महसूस की जा सकती है। विषयों के चयन और उनके निर्वहन में उन्हें महारत हासिल है। अधिकतर कहानियाँ अनछुए पहलुओं पर लिखी गयी हैं। नारी मन की संवेदना एवं नारी जीवन में सहजता से प्रवेश कर जाने वाली विडंबनाएँ इन कहानियों का मुख्य स्वर है। ये कहानियाँ स्त्री जीवन के नए अध्याय खोल कर इस विमर्श को साहित्य में मजबूती से स्थापित करती हैं।
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