Skip to content

150

(0 customer reviews)
Secure Payment
Estimated Dispatch: Jul 12, 2025 – Jul 15, 2025
If you order taday

In stock

किताब के बारे में

सुबह का भूला (Subah Ka Bhula) लेखक बिमल मित्र (Bimal Mitra) का लिखा मार्मिक उपन्यास है।

“आशा है आपने ऑफिस जाना शुरू कर दिया होगा। जोश में आकर जो करना चाहते थे, मैंने उसमें रुकावट दलाई, शायद नाराज होंगे, लेकिन मैं खुद तो गिर चुकी हूं, इसी से किसी को गिरते देखकर बड़ी तकलीफ होती है। कृपया अपनी सामर्थ्य के अंदर सुखी रहने की कोशिश कीजिएगा।”

अपने सामर्थ्य के बाहर जाकर संसार की रंगीनियों में डूब जाने के इच्छुक प्रशांत को जब अंजली का यह पत्र मिला, तो उसके सारे हवाई महल धराशायी हो गए और फिर प्रशांत सुबह का भूला (Subah Ka Bhula) शाम को घर लौट आया।